Wednesday, April 30, 2008

 

MY BIRTHDAY 1ST MAY

एक मई न मेरा जन्मदिन बैठा मैं ये सोचु
गिफ्ट किसे ने दिया नही किसके बाल नोचू
किसके बाल नोचू महंगाई मे हो गए सब महंगे
फिर मैं दुनिया मैं ऐसा हू जुकर कीट पतंगे
राठी लाठी ले क सोचे किसके सिर म ब्जाऊ
कितने साल का होगया मैं थमने क्यों बताऊ

Tuesday, April 29, 2008

 

GAME/SHAME OF CRICKET

सरदार जी न थप्पड़ मारया श्रीसंथ था रोया
एक थप्पड़ क मारया ३ करोड़ का टोटा होया
३ करोड़ का टोटा होया कैसा हा खेल का नियम
बिकाऊ खिलाड़ी ऐसे देखे हमने आवे शर्म
राठी भी लाठी था लेगा उसका स यू धरम
कल एक विज्ञापन देखा क यूवी की माँ स गर्म

Monday, April 28, 2008

 

AMBANI का उड़न खटोला

२७ मंजिल का बना रहे अम्बानी अपना संसार
छत पर बनेगे हेलेपेद जहाज लेंगे उतार
जहाज लेंगे उतार स सब धन दौलत की माया
कही कही तो नसीब नही सर प माडी सी छाया
राठी की लाठी बजे जो सर प तो समझ म आवे
दोलत स जनता की जिस प ये मौज उडावे

Sunday, April 27, 2008

 

THE GLOBAL WARMING

जेठ का महीना हर साल गर्म होता जावे स
तपती धरती चीखती आसमान रोता जावे स
आस्मान रोता जावे स फेर म्हारे समझ न आवे
नये नये प्रयोग प्रकृति प नित नये घाव लगावे
राठी की लाठी की मार बुरी एक ही बात समझावेगी
इब बी अगर न सम्भलै तो दुनिया ही मिट जावेगी

Saturday, April 26, 2008

 

The Solution

धूम्मां बण कै दम घोटे ना बण कै हवा निकल जा
या तो ढाल ले मनै अपणे मैं या मेरे की ढाल ढल जा
परबत के दो शिखर मिल नहीं सकते मिलन का के जतन हो
ले आज बहुंगा मैं बण झरणा सा तु भी बर्फ बण कै पिघल जा

Friday, April 25, 2008

 

बुड्ढा buddhia

एक बी एक अस्सी साल का बूढा बस म चढा सीट प बैठ गया बराबर म एक फूस बूढी बैठी थी एकदम बुधे त बोली ताऊ कित जागा तू बूढा झट त बोला ऐ बेटी तेरे खातर छोरा देखन जाऊ सु

Wednesday, April 23, 2008

 

The Life

जीणा
पाणी के बार पै, लड़ै सांप के ज़हर-सा
घुप्प अन्धेरा, पौ का पॉला रात के आखरी पहर-सा
पायाँ मैं चुभती सूल-सा
बोदे डाहले की झूल-सा
याणे बालक की टोक-सा
घा कै चिपटी जोंक-सा
कुत्ते आले हाड्ड-सा
बांगर मैं आई बाढ़-सा
फसल उजड़ण की सोच-सा
घायल साँप की लोच-सा
थाम जग मैं टोहवोगे जिसा, पाओगे उसा
किते किसा, किते किसा
जिसा देखो सै, वो उसा

जीणा
किते किसा, किते किसा

 

The Life

जीणा
जीणा जोहड़ के म्हां नंगे बालक की ऊहद-सा
थण पकड़ कै धार लेते नाक मैं लागै दूध-सा
जेठ के महीने मैं ठण्डे पाणी की औक-सा
नई बोड़िया के हाथां तैं लीपे साफ़-सुथरे चौके-सा
टेशण के लोहे के बैंच पै सोणा, किसे फकीर का
तख़्त की जड़ मैं बैठ कै देखणा सांग रांझे-हीर का
परस की बुर्जी पै साबण तैं नहाणा किसे जनेती का
सुःख-चैन तैं धन का आणा बोई फसल पछेती का
या फेर छः भाईयाँ की बहाण का
थके-हारे का ताते पाणी तैं नहाण का
सजनी का मिलणा रोज़ का
चाहे किसे साधू की मौज़ का

 

आजो हँसेगे

एक ब एक बटँऊ रात ने देर त ससुराड पहुंचा उसकी सासु बोली हा बेटा दो रोटी बच रही स काम चला ले गा बटँऊ बोल्या ठीक स उसकी सासु न दोनों रोटी उसकी थाली म धर दी तो बटँऊ न एक उलटी पकडा दी सासु बोली क बात बेटा नाराज होगया के तो बटँऊ बोल्या ना ना एक रोटी ज्यात उलटी दी स अक तू नु नि कहेवेगी अक और ले ले बेटा और ले ले बेटा

Tuesday, April 22, 2008

 

नेपाल नरेश की जय

नेपाल मे लोकतंत्र ने जिसकी करी दुर्गति है
आओ सब मिल कर कर बोले नेपाल नरेश की जय
माओवादी बाजी मार गए जीत लिया नेपाल
अब देखना ह किसके साथ मिलाएंगे वो सुर ताल
भारत या फिर चीन जैसी उनको समझ मे आये
अच्छा तो ये होगा कि शान्ति की राह पर जाए


Tuesday, April 15, 2008

 

शाहरुख़ हुए परेशान

करोडो मे लिए खिलाड़ी मन मे थे अरमान
टिकेट अभी तक बिकी नही बइठे ह परेशान
बैठे ह परेशान बात ये हमारी समझ न आई
क्रिकेट ले न डूबे हमारी फिल्मो की कमाई
देखो तो क्या ललक लगी बनने को धनवान
टिकेट खिड़की पर रो रहे अपने शाहरुख़ खान

Monday, April 14, 2008

 

महंगाई

दाल बन गी बैरन म्हारी आटा बना कसाई
चक्कर खा क पड गयी बाजार म म्हारी ताई
आलू बनगे आज बटेऊ टमाटर गन्ठे मारेँ मरोड़
महंगाई बनगी सबकी बुआ कड़ दी सबकी तोड़
राठी की लाठी पडी जनता प तो चुप कैसे रह जावांगे
आण दो इलेक्शन ईबके मिल क सबक सिखावांगे

Friday, April 11, 2008

 
राम बरस गया फसला प टेंशन म हो गे किसान
इब जरा समाई कर सुन ले अर्ज मेरी भगवान
जे फसल बची बारिस त तो सब हो ज्यंगे धनवान
फेर तो मंदीर म भी खूब चढावा आवेगा भगवान

 

आज तो सुरुआत है

आस्मान मी लाखो तारे उनमे चन्दा प्यारा है
इस दुनिया मी देश ह् कितने पर भारत सबसे न्यारा है

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