Saturday, May 28, 2011
ANMOL THE DIN BACHPAN KE
Friday, April 8, 2011
My performance in USA
bol tere mithe mithe
Saturday, June 19, 2010
रावण--फिर है चर्चा में --पर एक चर्चा ये भी तो है
:: रावण ::
उस दिन च्यारूं ओर, रौनक का पहरा था
और सॉलाँ की ढाल, उस दिन भी दशहरा था
लोग एक मैदान मैं कट्ठे हो, रावण नैं फूक आये
नई-नई बोहड़िया चहकैं थीं, थे बालक भी हर्षाये
सब कुछ उसा-ए था, कुछ भी ना नया था
जलता हुआ रावण देखण, मैं भी तो गया था
फूस जल्या, फेर रावण भी जलग्या
गरीबणी के जोबन-सा ओ ढलग्या
दशहरै कै नाम पै, जो होणां था होग्या
मैं भी घराँ आ कै, फटकार कै सोग्या
नींद के म्हाँ सुपने का, धूम्मां-सा छाग्या
चॉला होग्या मेरे सुपने मैं, वो-ए रावण आग्या
उस दिन रावण बहोत दुःखी था
न्यू बोल्या, भाई मैं बहोत सुखी था
थाम सबका दिमाग तो किताबां न भरमाया
पर किसै नै भी ना मेरे दिल का हाल सुणाया
भाई ताकत थी देही मैं, ज्याँ तैं थोड़ा गरूर था
दशरथ नै राम घर तै काढ़ दिया, मेरा के कसूर था
सब आपणे-आपणे घर मैं नचीत हो कै सौवे सैं
जिसी चाहिये जिसनै जीनस, उसा-ए बीज बोवैं
ब्योंत था मेरा, ज्यां तैं हर कोय चिलम भर रहया था
आपणा राज चला रहया था, बता के जुल्म कर रहया था
कोय पूछणिया हो, कोय क्यूकर आपणै आपे मैं रह लेगा
कोय थारी बहाण की नाक काट ले, बता क्यूकर सह लेगा
मैं तो बहोत ठीक था, मन्नै ठाई होई सीता ना सताई
पर उन नैं या के करी, वा-ए सीता आग पै बिठाई
न्यू कहैं सैं, वो धर्म बचावण नै जंगलाँ मैं आ रहया था
कित था उसका धर्म, जब उसनै बाली लुक कै मारया था
थोड़ा-सा तीर-ए लॉगा था लछमण कै, के ठाडू रोया था
कुम्भकरण भी तो मेरा भाई था, मैं ना बिल्कुल रोया था
रहया-खहया कॉलजा तो वे उस दिन काढ़ लेगे थे
जब मेरे भाई विभीषण नै, मेरे तैं वे पाड़ लेगे थे
फेर इसा आदमी क्यूकर मन मै भगवान-सा रच सकै सै
जिस देस मै हो भाई-भाई का बैरी, वो बता क्यूकर बच सकै सै
भाई-भाई का बैर-ए नास ठाग्या
बस मैं आड़ै-ए मार खाग्या
इब थाम मन्नै बुरा बता कै थूकदे रहो
बेसक आये साल मन्नै फूकदे रहो
Friday, June 18, 2010
एक गीत हम सब के लिए
Thursday, May 20, 2010
washington dc yaani k rohtak ka D-park
Tuesday, May 11, 2010
niagra fall सच में बड़ा क्सुता स
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